आधार ऑथेंटिकेशन फेल होने के मुख्य कारणों में बायोमेट्रिक मिसमैच सबसे बड़ा कारण है, जो लगभग 40% मामलों में जिम्मेदार होता है। इसके अलावा नेटवर्क समस्या, गलत जानकारी, बायोमेट्रिक लॉक, OTP की समस्या, और सर्वर डाउनटाइम भी प्रमुख कारण हैं। राष्ट्रीय स्तर पर फिंगरप्रिंट स्कैन में 6% और आईरिस स्कैन में 8.54% की विफलता दर दर्ज की गई है। AEPS (आधार सक्षम भुगतान प्रणाली) लेनदेन में तो विफलता दर औसतन 34% तक पहुंच जाती है, जिसमें 17% बायोमेट्रिक मिसमैच के कारण होती है।
इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि आधार ऑथेंटिकेशन फेल होने के क्या कारण हैं, इसे कैसे ठीक किया जा सकता है, और किन-किन तरीकों से आप अपनी समस्या का समाधान पा सकते हैं।
आधार ऑथेंटिकेशन फेल होने के मुख्य कारणों का वितरण - बायोमेट्रिक मिसमैच सबसे बड़ा कारण हैआधार ऑथेंटिकेशन क्या है और यह क्यों जरूरी है?
आधार ऑथेंटिकेशन एक प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति की पहचान को UIDAI (यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के डेटाबेस से सत्यापित किया जाता है। यह सत्यापन तीन तरीकों से हो सकता है: बायोमेट्रिक (फिंगरप्रिंट या आईरिस स्कैन), डेमोग्राफिक (नाम, पता, जन्मतिथि), या OTP (वन टाइम पासवर्ड)।
आधार ऑथेंटिकेशन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह धोखाधड़ी को रोकता है, सरकारी लाभों को सही लोगों तक पहुंचाता है, और डिजिटल सेवाओं को सुरक्षित बनाता है। हालांकि, जब यह प्रक्रिया विफल हो जाती है, तो लोगों को राशन, पेंशन, बैंकिंग सेवाएं और अन्य महत्वपूर्ण लाभों से वंचित होना पड़ता है।
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UIDAI तीन मुख्य प्रकार के ऑथेंटिकेशन प्रदान करता है:
बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन: इसमें फिंगरप्रिंट स्कैन या आईरिस स्कैन का उपयोग होता है। यह सबसे सुरक्षित तरीका माना जाता है, लेकिन मजदूरों, किसानों और बुजुर्गों की फिंगरप्रिंट्स घिसी हुई या क्षतिग्रस्त होने के कारण यह अक्सर विफल हो जाता है।
डेमोग्राफिक ऑथेंटिकेशन: इसमें नाम, पता, जन्मतिथि जैसी जानकारी का मिलान किया जाता है। अगर आधार में दर्ज जानकारी और दी गई जानकारी में कोई अंतर हो, तो ऑथेंटिकेशन फेल हो जाता है।
OTP-आधारित ऑथेंटिकेशन: इसमें रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर OTP भेजा जाता है। अगर मोबाइल नंबर पुराना है, बंद है, या DND सक्रिय है, तो OTP नहीं आता।
आधार ऑथेंटिकेशन फेल होने के मुख्य कारण
आधार ऑथेंटिकेशन विफल होने के कई कारण हो सकते हैं। इन्हें समझना समस्या के समाधान में पहला कदम है।
बायोमेट्रिक मिसमैच आधार ऑथेंटिकेशन फेल होने का सबसे बड़ा कारण है। यह समस्या निम्नलिखित कारणों से होती है:
उंगलियों का सूखा या गंदा होना: जब उंगलियां सूखी, गंदी या पसीने से भरी होती हैं, तो स्कैनर सही तरीके से फिंगरप्रिंट कैप्चर नहीं कर पाता।
फिंगरप्रिंट का घिसना: मजदूर, किसान, और शारीरिक श्रम करने वाले लोगों की उंगलियों की छाप उम्र और काम के कारण धुंधली हो जाती है। एक अध्ययन में पाया गया कि 73% बायोमेट्रिक अपडेट "स्वैच्छिक" थे, जिनमें खराब गुणवत्ता वाले बायोमेट्रिक कैप्चर को सुधारना शामिल था।
आईरिस स्कैन में समस्या: बुजुर्ग लोगों की आंखों की स्थिति में उम्र के साथ बदलाव आता है, जिससे आईरिस स्कैन विफल हो जाता है।
बायोमेट्रिक डेटा का अपडेट न होना: अगर आधार में दर्ज बायोमेट्रिक डेटा पुराना है और वर्तमान बायोमेट्रिक्स से मेल नहीं खाता, तो ऑथेंटिकेशन फेल हो जाता है।
कई बार लोग आधार ऑथेंटिकेशन के समय अपनी जानकारी सही से नहीं भरते हैं, जैसे नाम में स्पेलिंग की गलती, गलत जन्मतिथि, या पुराना पता। अगर आधार में दर्ज जानकारी और आपके द्वारा दी गई जानकारी में थोड़ा भी अंतर हो, तो सिस्टम ऑथेंटिकेशन को अस्वीकार कर देता है।
आधार ऑथेंटिकेशन के लिए स्थिर इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता होती है। अगर ऑथेंटिकेशन के दौरान इंटरनेट कनेक्शन धीमा हो, कट जाए, या सर्वर में समस्या हो, तो प्रक्रिया विफल हो सकती है।
ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में नेटवर्क कनेक्टिविटी एक बड़ी चुनौती है। महाराष्ट्र के नासिक जिले में, जो एक विकसित क्षेत्र है, वहां भी 17% खुदरा विक्रेता ऐसे स्थानों पर हैं जहां बायोमेट्रिक मशीनें सर्वर से कनेक्ट ही नहीं हो पातीं। COVID-19 लॉकडाउन के दौरान सर्वर टाइमआउट से होने वाली विफलताएं 3% से बढ़कर 12% हो गई थीं।
UIDAI ने सुरक्षा के लिए बायोमेट्रिक लॉक की सुविधा दी है। अगर आपने अपना बायोमेट्रिक लॉक कर दिया है, तो बिना अनलॉक किए आप बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन नहीं कर सकते। एरर कोड 330 दिखाई देता है जब बायोमेट्रिक लॉक सक्रिय होता है। दिलचस्प बात यह है कि UIDAI के CEO की खुद की एक बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन अटेम्प्ट इसी कारण से फेल हुई थी क्योंकि उन्होंने अपना बायोमेट्रिक लॉक कर रखा था।
OTP-आधारित ऑथेंटिकेशन में कई समस्याएं आती हैं:
मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड नहीं है: अगर आपका मोबाइल नंबर आधार से लिंक नहीं है, तो OTP नहीं आएगा।
पुराना या बंद मोबाइल नंबर: अगर आपने नंबर बदल लिया है लेकिन आधार में अपडेट नहीं किया, तो OTP पुराने नंबर पर जाएगा।
DND सर्विस सक्रिय: अगर आपके फोन में Do Not Disturb सेवा चालू है, तो SMS ब्लॉक हो सकते हैं।
SMS इनबॉक्स फुल: अगर आपके फोन की SMS मेमोरी भर गई है, तो नए संदेश नहीं आ सकते।
नेटवर्क समस्या: खराब नेटवर्क या कवरेज की कमी के कारण भी OTP नहीं आता।
UIDAI सर्वर की समस्या: कभी-कभी UIDAI के सर्वर में तकनीकी खराबी होने पर OTP डिलीवरी में देरी होती है।
आधार ऑथेंटिकेशन एरर कोड और उनका मतलब
UIDAI विभिन्न एरर कोड के माध्यम से ऑथेंटिकेशन विफलता के कारण बताता है। इन कोड को समझना समस्या की पहचान में मदद करता है:
एरर कोड 100: व्यक्तिगत जानकारी (नाम, जन्मतिथि, लिंग) डेमोग्राफिक डेटा से मेल नहीं खाई।
एरर कोड 200: पते की जानकारी डेमोग्राफिक डेटा से मेल नहीं खाई।
एरर कोड 300: बायोमेट्रिक डेटा (फिंगरप्रिंट या आईरिस) मेल नहीं खाया। यह सबसे आम एरर कोड है।
एरर कोड 330: आधार धारक द्वारा बायोमेट्रिक लॉक सक्रिय है। इसे अनलॉक करना आवश्यक है।
एरर कोड 400: गलत OTP दर्ज किया गया।
एरर कोड 500-505: एन्क्रिप्शन या सत्र कुंजी की समस्या। यह तकनीकी त्रुटि है।
एरर कोड 811: CIDR (सेंट्रल आइडेंटिटी डेटा रिपॉजिटरी) में बायोमेट्रिक डेटा उपलब्ध नहीं है। इस स्थिति में आधार केंद्र पर जाकर बायोमेट्रिक अपडेट करना जरूरी है।
Aadhaar Authentication Error Codes and Their Frequency of Occurrenceआधार ऑथेंटिकेशन फेल होने पर क्या करें? – विस्तृत समाधान
जब आधार ऑथेंटिकेशन फेल हो जाए, तो घबराने की जरूरत नहीं है। नीचे दिए गए समाधानों को क्रमबद्ध तरीके से आजमाएं।
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अगर आपका बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन फेल हो रहा है, तो सबसे पहले निम्नलिखित उपाय करें:
उंगलियां साफ करें: अपने हाथों और उंगलियों को साबुन से धोएं और अच्छी तरह सुखाएं। सुनिश्चित करें कि उंगलियां न तो बहुत सूखी हों और न ही गीली। बायोमेट्रिक डिवाइस को भी साफ कपड़े से पोंछें।
सही तरीके से उंगली रखें: उंगली को स्कैनर पर सही पोजीशन में रखें। पूरे फिंगरप्रिंट को कवर करना जरूरी है।
दूसरी उंगली का प्रयास करें: अगर एक उंगली से ऑथेंटिकेशन फेल हो रहा है, तो दूसरी उंगली का उपयोग करें। आधार में आपकी सभी 10 उंगलियों के निशान दर्ज होते हैं।
बायोमेट्रिक डेटा अपडेट करें: अगर बार-बार प्रयास करने के बाद भी समस्या हल नहीं होती, तो आपको नजदीकी आधार सेवा केंद्र जाकर अपना बायोमेट्रिक डेटा अपडेट कराना होगा। बायोमेट्रिक अपडेट के लिए ₹50 का शुल्क लगता है।
बायोमेट्रिक अपडेट करने की प्रक्रिया
बायोमेट्रिक डेटा को केवल ऑफलाइन तरीके से आधार सेवा केंद्र पर जाकर ही अपडेट किया जा सकता है। ऑनलाइन अपॉइंटमेंट बुक करने की सुविधा भी उपलब्ध है:
स्टेप 1: UIDAI की वेबसाइट https://appointments.uidai.gov.in पर जाएं या mAadhaar ऐप खोलें।
स्टेप 2: "Book An Appointment" विकल्प चुनें और अपना मोबाइल नंबर दर्ज करें।
स्टेप 3: OTP से वेरिफिकेशन करें।
स्टेप 4: "Update Existing Aadhaar Details" सेलेक्ट करें और "Biometric (Fingerprint/Iris/Photo)" को टिक करें।
स्टेप 5: अपनी सुविधानुसार राज्य, शहर, ब्रांच और समय स्लॉट चुनें।
स्टेप 6: अपॉइंटमेंट स्लिप डाउनलोड करें।
स्टेप 7: नियत तिथि और समय पर आधार केंद्र जाएं, अपना आधार कार्ड और अपॉइंटमेंट स्लिप ले जाएं।
स्टेप 8: केंद्र पर आपकी नई फिंगरप्रिंट, आईरिस स्कैन और फोटो ली जाएगी।
स्टेप 9: ₹50 का भुगतान करें और URN (अपडेट रिक्वेस्ट नंबर) प्राप्त करें।
बायोमेट्रिक अपडेट होने में आमतौर पर 7-10 दिन लगते हैं, लेकिन कभी-कभी 90 दिन तक का समय लग सकता है। आप UIDAI की वेबसाइट पर URN दर्ज करके अपडेट का स्टेटस चेक कर सकते हैं।
बायोमेट्रिक लॉक/अनलॉक कैसे करें
अगर आपका बायोमेट्रिक लॉक है, तो आपको इसे अनलॉक करना होगा। यह दो तरीकों से किया जा सकता है:
mAadhaar ऐप के माध्यम से:
स्टेप 1: mAadhaar ऐप खोलें और अपना 4-अंकों का पासवर्ड दर्ज करें।
स्टेप 2: अपनी प्रोफाइल पर जाएं।
स्टेप 3: "BIOMETRICS LOCKED (CLICK TO UNLOCK)" विकल्प पर टैप करें। अगर यह लाल रंग में दिख रहा है, तो बायोमेट्रिक लॉक है।
स्टेप 4: अपना पासवर्ड दर्ज करें और "OK" क्लिक करें।
स्टेप 5: "Successfully unlocked your biometric" संदेश दिखाई देगा। बायोमेट्रिक 10 मिनट के लिए अनलॉक हो जाएगा।
UIDAI वेबसाइट के माध्यम से:
स्टेप 1: https://myaadhaar.uidai.gov.in पर जाएं।
स्टेप 2: "Login" पर क्लिक करें।
स्टेप 3: अपना 12-अंकों का आधार नंबर और कैप्चा दर्ज करें।
स्टेप 4: OTP से लॉगिन करें।
स्टेप 5: "Lock/Unlock Your Biometrics" लिंक पर क्लिक करें।
स्टेप 6: "Unlock Biometrics" चुनें।
स्टेप 7: "Disable Locking Features" पर क्लिक करके स्थायी रूप से अनलॉक कर सकते हैं।
अगर ऑथेंटिकेशन डेमोग्राफिक डेटा मिसमैच के कारण फेल हो रहा है, तो अपने आधार विवरण की जांच करें। नाम, पता, जन्मतिथि में कोई गलती हो, तो उसे सुधारें। UIDAI की वेबसाइट या mAadhaar ऐप के माध्यम से आप ऑनलाइन भी कुछ विवरण अपडेट कर सकते हैं, लेकिन बड़े बदलावों के लिए आधार केंद्र जाना जरूरी है।
अगर OTP नहीं आ रहा है और आपका मोबाइल नंबर पुराना है, तो उसे अपडेट करना जरूरी है:
स्टेप 1: नजदीकी आधार सेवा केंद्र या CSC (कॉमन सर्विस सेंटर) पर जाएं।
स्टेप 2: आधार अपडेट फॉर्म भरें और अपना आधार नंबर तथा नया मोबाइल नंबर दर्ज करें।
स्टेप 3: बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन करवाएं (फिंगरप्रिंट या आईरिस स्कैन)।
स्टेप 4: ₹50 का शुल्क जमा करें।
स्टेप 5: URN प्राप्त करें और स्टेटस ट्रैक करें।
मोबाइल नंबर अपडेट होने में आमतौर पर 5-7 दिन लगते हैं, लेकिन कभी-कभी 90 दिन तक का समय लग सकता है।
अगर आपको तुरंत OTP की आवश्यकता है और वह नहीं आ रहा, तो निम्नलिखित उपाय करें:
DND सेवा बंद करें: अपने मोबाइल ऑपरेटर को कॉल करके DND सर्विस डीएक्टिवेट करें।
SMS इनबॉक्स साफ करें: पुराने और अनावश्यक SMS डिलीट करें।
फोन रीस्टार्ट करें: फोन को बंद करके फिर से चालू करें या Airplane Mode को ऑन-ऑफ करें।
नेटवर्क चेक करें: सुनिश्चित करें कि आपके पास पूरा नेटवर्क सिग्नल है।
SMS से OTP मंगवाएं: अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से 1947 पर SMS भेजें: GETOTP <आधार के अंतिम 4 अंक>। उदाहरण: अगर आपके आधार के अंतिम 4 अंक 4321 हैं, तो भेजें GETOTP 4321।
T-OTP का उपयोग करें: अगर आपने mAadhaar ऐप में अपना प्रोफाइल रजिस्टर किया है, तो "Show TOTP" या "Generate T-OTP" विकल्प का उपयोग करें। यह 30 सेकंड के लिए वैध रहता है।
कुछ समय बाद पुन: प्रयास करें: अगर UIDAI सर्वर में समस्या है, तो 10-15 मिनट बाद फिर से प्रयास करें।
नेटवर्क और तकनीकी समस्याओं का समाधान
नेटवर्क समस्या के कारण ऑथेंटिकेशन फेल हो रहा है, तो निम्नलिखित उपाय करें:
बेहतर नेटवर्क वाली जगह पर जाएं: अगर CSP आउटलेट में कमजोर कनेक्टिविटी है, तो दूसरी लोकेशन में प्रयास करें।
AEPS सर्विस स्टेटस चेक करें: NPCI की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर सर्वर आउटेज की जानकारी लें।
डिवाइस रीस्टार्ट करें: Micro-ATM डिवाइस को रीबूट करने से अस्थायी समस्याएं हल हो सकती हैं।
वाई-फाई या मोबाइल डेटा बदलें: अगर एक कनेक्शन काम नहीं कर रहा, तो दूसरा आजमाएं।
विभिन्न आधार समस्याओं के समाधान में लगने वाला अनुमानित समयआधार ऑथेंटिकेशन हिस्ट्री चेक करना
आप UIDAI की वेबसाइट पर जाकर अपनी आधार ऑथेंटिकेशन का पूरा इतिहास देख सकते हैं। इससे आप जान सकते हैं कि किस तारीख को आपका आधार किस सेवा के लिए उपयोग हुआ था और किस कारण से ऑथेंटिकेशन फेल हुआ है।
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UIDAI हेल्पलाइन और शिकायत निवारण
अगर उपरोक्त सभी उपायों के बाद भी आपकी समस्या हल नहीं होती, तो UIDAI की हेल्पलाइन सेवाओं का उपयोग करें।
टोल-फ्री नंबर: 1947 या 1800-300-1947। यह 24×7 उपलब्ध है और 12 भाषाओं में सेवा प्रदान करता है।
ईमेल: help@uidai.gov.in पर अपनी शिकायत भेज सकते हैं।
UIDAI मुख्यालय का पता: 3rd floor, Tower II, Jeevan Bharati Building, Connaught Circus, New Delhi – 110001।
विभिन्न राज्यों में UIDAI के क्षेत्रीय कार्यालय हैं जहां आप सीधे संपर्क कर सकते हैं:
दिल्ली: 011-40851426 (Grievance Cell)
मुंबई: 022-22163492
बेंगलुरु: 080-22340104
हैदराबाद: 040-23739266
लखनऊ: 0522-2304978, 0522-2304979
कोलकाता: 033-22101060
रांची: 9031002292
आप UIDAI के Public Grievance Portal (https://pgportal.gov.in) पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं:
स्टेप 1: वेबसाइट पर जाएं और रजिस्टर करें।
स्टेप 2: लॉगिन करें।
स्टेप 3: "Lodge Public Grievance" पर क्लिक करें।
स्टेप 4: अपनी समस्या का विवरण दें और जरूरी दस्तावेज अपलोड करें।
स्टेप 5: आपको एक SRN (सर्विस रिक्वेस्ट नंबर) मिलेगा, जिससे आप शिकायत का स्टेटस ट्रैक कर सकते हैं।
शिकायत दर्ज करने के बाद, UIDAI इसे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को भेजता है और ऑनलाइन जवाब देता है। हालांकि, CAG की रिपोर्ट के अनुसार 2021 तक 48,000 मामले लंबित थे, जिनमें से 7,020 मामले 30 दिन से अधिक समय से लंबित थे।
mAadhaar ऐप – आपके मोबाइल में आधार
mAadhaar ऐप UIDAI द्वारा जारी किया गया आधिकारिक मोबाइल एप्लिकेशन है जो आधार धारकों को कई सुविधाएं प्रदान करता है। यह Android और iOS दोनों पर उपलब्ध है और 13 भाषाओं में काम करता है (अंग्रेजी और 12 भारतीय भाषाएं)।
डिजिटल आधार कार्ड: भौतिक आधार कार्ड की जगह मोबाइल में सॉफ्ट कॉपी रख सकते हैं।
बायोमेट्रिक लॉक/अनलॉक: अपने बायोमेट्रिक को सुरक्षित रखने के लिए लॉक कर सकते हैं और जरूरत पड़ने पर अनलॉक कर सकते हैं।
मल्टी-प्रोफाइल: एक ही ऐप में 3-5 परिवार के सदस्यों की प्रोफाइल जोड़ सकते हैं (एक ही मोबाइल नंबर से)।
QR कोड स्कैन और शेयर: eKYC के लिए QR कोड शेयर कर सकते हैं।
आधार सेवाओं तक पहुंच: आधार डाउनलोड, एड्रेस अपडेट, ऑफलाइन eKYC, वेरिफिकेशन जैसी सेवाएं।
VID जेनरेशन: आधार नंबर की जगह वर्चुअल आईडी का उपयोग कर सकते हैं।
अपॉइंटमेंट बुकिंग: आधार सेवा केंद्र के लिए ऑनलाइन अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं।
T-OTP जनरेशन: SMS न आने पर mAadhaar से सीधे T-OTP जनरेट कर सकते हैं।
mAadhaar ऐप पर प्रोफाइल कैसे बनाएं
mAadhaar ऐप का उपयोग करने के लिए आपको पहले अपनी प्रोफाइल रजिस्टर करनी होगी:
स्टेप 1: Google Play Store या Apple App Store से mAadhaar ऐप डाउनलोड करें।
स्टेप 2: ऐप खोलें और "Register My Aadhaar" पर टैप करें।
स्टेप 3: 4-अंकों का पासवर्ड बनाएं।
स्टेप 4: अपना 12-अंकों का आधार नंबर दर्ज करें या QR कोड स्कैन करें।
स्टेप 5: कैप्चा वेरिफाई करें।
स्टेप 6: रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आए OTP को दर्ज करें।
स्टेप 7: "Submit" पर क्लिक करें।
आपकी प्रोफाइल बन जाएगी। अब आप "Add Profile" विकल्प से परिवार के अन्य सदस्यों को भी जोड़ सकते हैं।
आधार ऑथेंटिकेशन फेल होने से कैसे बचें – निवारक उपाय
समस्या आने से पहले कुछ सावधानियां रखकर आप आधार ऑथेंटिकेशन फेल होने की संभावना कम कर सकते हैं:
नियमित बायोमेट्रिक अपडेट: हर 5-10 साल में अपना बायोमेट्रिक डेटा अपडेट करवाएं, खासकर अगर आप शारीरिक श्रम करते हैं या उम्रदराज हैं।
मोबाइल नंबर अपडेट रखें: जब भी मोबाइल नंबर बदलें, तुरंत आधार में अपडेट करवाएं।
आधार विवरण सत्यापित करें: समय-समय पर UIDAI वेबसाइट या mAadhaar ऐप पर लॉगिन करके अपने आधार विवरण की जांच करें।
बायोमेट्रिक लॉक स्टेटस जानें: पता रखें कि आपका बायोमेट्रिक लॉक है या अनलॉक, और जरूरत पड़ने पर समय पर अनलॉक करें।
स्वच्छता बनाए रखें: ऑथेंटिकेशन से पहले हाथ धोएं और सुखाएं।
अच्छे नेटवर्क की जगह चुनें: जहां संभव हो, मजबूत इंटरनेट कनेक्शन वाली जगह पर ऑथेंटिकेशन करें।
mAadhaar ऐप डाउनलोड करें: यह आपातकालीन स्थितियों में बहुत उपयोगी है।
आधार ऑथेंटिकेशन फेल होने के सामाजिक प्रभाव
आधार ऑथेंटिकेशन की विफलता केवल एक तकनीकी समस्या नहीं है, बल्कि इसके गंभीर सामाजिक और आर्थिक परिणाम होते हैं। भारत के सबसे कमजोर वर्गों – गरीब, बुजुर्ग, मजदूर, किसान, और आदिवासी समुदायों – पर इसका सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में आधार ऑथेंटिकेशन अनिवार्य करने के बाद लगभग 4 करोड़ राशन कार्ड रद्द कर दिए गए। सरकार का दावा है कि ये नकली कार्ड थे, लेकिन वास्तविकता यह है कि कई असली लाभार्थी भी बायोमेट्रिक विफलता के कारण अपने हक से वंचित हो गए। झारखंड में एक महिला की भूख से मौत हो गई क्योंकि राशन दुकान मालिक ने ऑथेंटिकेशन सफल होने के बावजूद उसे अगले दिन आने को कहा और उसके नाम से राशन निकाल लिया।
पेंशन और रोजगार योजनाओं से वंचित
बुजुर्गों को पेंशन और मनरेगा जैसी रोजगार योजनाओं से बायोमेट्रिक विफलता के कारण वंचित होना पड़ रहा है। 88 वर्षीय आदिवासी किसान बोंझ हेमब्रोम को अपने बेटे के साथ राशन दुकान जाना पड़ा, लेकिन ऑथेंटिकेशन फेल होने के कारण उन्हें राशन नहीं मिला।
शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में बाधा
कई जगहों पर स्कूल में प्रवेश, छात्रवृत्ति, और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी आधार ऑथेंटिकेशन मांगा जाने लगा है। जब ऑथेंटिकेशन फेल होता है, तो बच्चों की शिक्षा और लोगों की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होती हैं।
CAG की रिपोर्ट में पाया गया कि UIDAI शिकायत निवारण को लेकर गंभीर नहीं है। बायोमेट्रिक कैप्चर में खराबी की जिम्मेदारी UIDAI नहीं लेता और अपडेट का खर्च आधार धारकों पर ही डाल देता है, जबकि 73% मामलों में गलती नामांकन के समय होती है। दिल्ली में एक सर्वेक्षण में पाया गया कि ऑथेंटिकेशन समस्या वाले 40% लोगों को आधार सुधार केंद्र पर एक से अधिक बार जाना पड़ा।
सरकार और UIDAI के सुधार प्रयास
UIDAI ने ऑथेंटिकेशन विफलता की समस्याओं को स्वीकार किया है और कुछ सुधारात्मक कदम उठाए हैं:
बायोमेट्रिक सिस्टम में सुधार: UIDAI अधिकारियों ने कहा है कि बायोमेट्रिक सिस्टम में अपग्रेड चल रहे हैं।
Exception Handling Mechanism: आधार अधिनियम 2016 में प्रावधान है कि ऑथेंटिकेशन विफलता के आधार पर किसी को लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता। सेवा प्रदाताओं को वैकल्पिक तरीके से सेवा देनी होती है।
ऑफलाइन eKYC: UIDAI ने डिजिटली साइन किए गए QR कोड को आधार में शामिल किया है, जिससे एजेंसियां ऑफलाइन तरीके से भी आधार कार्ड वेरिफाई कर सकती हैं।
डेटाबेस सफाई: UIDAI ने मृत व्यक्तियों के आधार नंबर निष्क्रिय करने के लिए रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया से मृत्यु रिकॉर्ड मांगे हैं। अब तक 15.5 मिलियन मृत्यु रिकॉर्ड प्राप्त हुए हैं और 11.7 मिलियन आधार नंबर निष्क्रिय किए गए हैं।
बायोमेट्रिक डोंगल वितरण: नेटवर्क समस्या वाले क्षेत्रों में खुदरा विक्रेताओं को मुफ्त वायरलेस इंटरनेट-सक्षम डोंगल दिए गए हैं।
हालांकि, संसद की लोक लेखा समिति (PAC) ने इन प्रयासों को अपर्याप्त माना है और UIDAI से 6 सप्ताह में विस्तृत कार्य योजना मांगी है, जिसमें बायोमेट्रिक विफलता कम करने, डेटा सुरक्षा मजबूत करने, और निष्क्रियण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के कदम शामिल हों।
आधार ऑथेंटिकेशन फेल होना आज एक आम समस्या है जो लाखों भारतीयों को प्रभावित कर रही है। बायोमेट्रिक मिसमैच, नेटवर्क समस्याएं, पुरानी जानकारी, बायोमेट्रिक लॉक, और OTP की समस्याएं इसके मुख्य कारण हैं। हालांकि, अधिकांश समस्याओं का समाधान संभव है – चाहे वह घर पर ही हो (जैसे उंगलियां साफ करना, दूसरी उंगली आजमाना, बायोमेट्रिक अनलॉक करना) या आधार सेवा केंद्र पर जाकर (बायोमेट्रिक अपडेट, मोबाइल नंबर अपडेट)।
UIDAI की हेल्पलाइन 1947 और mAadhaar ऐप महत्वपूर्ण संसाधन हैं जो तत्काल सहायता प्रदान करते हैं। नियमित बायोमेट्रिक अपडेट, मोबाइल नंबर को अद्यतित रखना, और mAadhaar ऐप का उपयोग करना भविष्य में ऑथेंटिकेशन समस्याओं से बचने के प्रभावी तरीके हैं।
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यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि आधार अधिनियम के अनुसार, ऑथेंटिकेशन फेल होने के आधार पर किसी को भी सेवाओं या लाभों से वंचित नहीं किया जा सकता। अगर कोई एजेंसी या सेवा प्रदाता ऐसा करता है, तो यह कानून का उल्लंघन है और आप UIDAI से शिकायत कर सकते हैं। समस्या के समाधान में धैर्य रखें, सही कदम उठाएं, और जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञों की मदद लें।
आधार भारत की डिजिटल पहचान का आधार है, और सरकार इसे और अधिक सुरक्षित,
सुलभ और विश्वसनीय बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। जागरूकता और सही जानकारी
से आप आधार ऑथेंटिकेशन की समस्याओं से आसानी से निपट सकते हैं और डिजिटल इंडिया के
सफर में सक्रिय भागीदार बन सकते हैं।




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